बवासीर या पाइल्स एक आम समस्या है।इसे hemorrhoids भी कहा जाता है।बवासीर में आंत के अंतिम हिस्से तथा मलाशय की भीतरी दीवार में रक्त की धमनी और शिराओं में सूजन हो जाती है और ओ तनकर फ़ैल जाती है।बवासीर में मल त्याग में बड़ी दिक्कत होती है । बवासीर में मलद्वार के पास की रक्त की शिराएं फूल जाती हैं।हेमोरायडल रक्त शिराओं में सूजन होने से जब यह फूल जाती हैं तो मल को निकलने में काफ़ी परेशानी होती है।यह एक आम समस्या है और हर चार में से तीन को कभी न कभी इस समस्या से गुजरना पड़ता है।आमतौर पर लोग आज भी इस बीमारी के बारे में खुलकर बात नहीं करते हैं। इस बीमारी में रोगी आराम से बैठ नहीं पाता है क्योंकि उसको मल त्याग करने वाले स्थान पर चुभन और असहनीय पीड़ा होती है।लेकिन इससे डरने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि Bavasir Ka Gharelu Upay आयुर्वेद में मौजूद है इसलिए आज मैं आपको इस लेख बवासीर के घरेलू उपायों के बारे में बताऊंगा।
बवासीर दो मुख्यतः दो प्रकार की होती है एक आंतरिक या ख़ूनी बवासीर और दूसरी बाहरी या बादी बवासीर।बवासीर के लक्षण पहचानना बहुत ही आसान है। इसमें रोगी को मल त्याग के समय मलाशय में असहनीय दर्द, पीड़ा और खुजली की समस्या होती है।
1.आंतरिक या ख़ूनी बवासीर (internal or bleeding hemorrhoids):
ख़ूनी बवासीर में rectum के अंदर अर्श होता है जिसे बाहर से देखा और अनुभव नहीं किया जा सकता है।ख़ूनी बवासीर में ज्यादा तकलीफ नहीं होती है और न ही इसमें दर्द होता है।इसमें केवल मल में खून आता है।शुरू - शुरू में खून केवल मल के साथ आता है लेकिन बाद में खून बहना बढ़ जाता है।
2.बाहरी या बादी बवासीर (external hemorrhoids)
बादी बवासीर में मरीज का पेट अक्सर ख़राब रहता है और कब्ज बना रहता है।यही कारण है की लोग यह समझ लेते हैं की पेट ख़राब होने की वजह से ही बवासीर होता है।लेकिन यह सच नहीं है।इस प्रकार के बवासीर में दर्द , जलन , खुजली, शरीर में बेचैनी आदि लक्षण होते हैं।
बवासीर के लक्षण (symptoms of piles)
1. खुजली होने पर मलाशय में दर्द की अनुभूति।
2. शौंच के समय खून आना।
3.मस्सों में खाज तथा सूजन का होना।
4.जलन तथा दर्द होना।
5.मलावरोध।
6.ख़ूनी बवासीर में मस्सों से खून आना।
7.बादी बवासीर में मस्से काले रंग के होते हैं।
बवासीर होने के कारण (reasons of piles)
बवासीर कई लोगों में पीढ़ी दर पीढ़ी भी पाया जा सकता है।लेकिन वहीं ऐसे लोग हैं जो घंटों खड़े होकर लगातार काम करते हैं जैसे ,ट्रैफिक पुलिस , पोस्टमैन ,बस कंडक्टर या फिर जो भारी वजन उठाने का काम करते हैं जैसे कुली,मजदूर ऐसे लोगों में इस बीमारी के होने के चांस ज्यादा होते हैं।
बवासीर का घरेलू उपाय ( home remedy for piles)
1. एलोवेरा का प्रयोग - एलोवेरा के चिकित्सकीय गुणों के कारण बवासीर की जलन खत्म हो जाती हैं और कब्ज की समस्या भी नहीं होती है।एलोवेरा आंतरिक और बाह्य दोनों प्रकार के बवासीर के लिए लाभदायक है।बवासीर में गुदा के बाहर के मस्सों में एलोवेरा जेल लगाएं। यह खुजली और जलन को शांत करता है।इसके अलावा आप एलोवेरा के 200 से 250 ग्राम के गूदे को भी खा सकते हैं। इससे कब्ज नहीं होगा और मल त्यागने में आसानी होगी।
2. गर्म पानी से करें सिकाई - बवासीर के मरीजों को डॉक्टर अक्सर 10 से 15 मिनट तक गर्म पानी में बैठकर सिकाई करने की सलाह देते हैं।बवासीर के मरीज ऐसा दिन में कई बार कर सकते हैं।इसके लिए 1 बड़े टब में हल्का गर्म पानी भरें और उसी में 15 मिनट के लिए बैठ जाएं।इस उपाय को करने से बवासीर के दर्द से आराम मिलता है।
3.बादाम के तेल का प्रयोग - बवासीर में बादाम का तेल भी बहुत आराम देता है।बवासीर होने पर pure बादाम के तेल में कॉटन भिगोकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। ये स्किन को moisture कर देता है जिससे खुजली की समस्या में राहत मिलती है।
4.ओलिव आयल का उपयोग - ओलिव आयल में antioxidant प्रॉपर्टीज होती है जो बाहरी बवासीर को ठीक करने में सहायक है। ओलिव आयल सूजन वाली खून की नसों को ठीक कर देता है जिससे सूजन कम होती है और नसों में खून का संचालन सही ढंग से होता है।इसके लिए 1 चम्मच ओलिव आयल रोज खाइये।आप इसको सब्जी या फिर सलाद में भी मिलाकर खा सकते हैं।
5.दही से बवासीर का इलाज - जैसा की आप जानते ही होंगे की बवासीर होने की मुख्य वजह कब्ज ही है और दही के सेवन से कब्ज की समस्या दूर होती है तथा बवासीर में आराम मिलता है।जब तक बवासीर में खून आना न बंद हो तब तक केवल दही का ही सेवन करें। ऐसा करने से बवासीर में खून आना बंद हो जायेगा।
6.बड़ी इलाइची का इस्तेमाल - बड़ी इलाइची भी बवासीर को दूर करने का एक रामबाण उपाय है।उपचार के लिए 50 ग्राम बड़ी इलाइची को तवे पर रखकर अच्छे से भून लीजिये तथा ठंडी होने के बाद इन सबको पीस लीजिये।रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ इस चूर्ण का सेवन करें इससे बवासीर ठीक हो जाएगी।
7. जीरा का इस्तेमाल - जीरा का इस्तेमाल भी बवासीर में बहुत फायदेमंद होता है।इसके लिए आधा चम्मच जीरे को 1 गिलास गुनगुने पानी में डालकर दिन में कम से कम दो से तीन बार पियें। इसके अलावा आप छाछ में भी जीरे को मिलाकर पी सकते हैं। दिन में जितनी भी बार प्यास लगे पानी की जगह छाछ में जीरा डालकर पियें।इससे 2 से 3 दिनों में नसों में सूजन कम हो जाएगी और बवासीर में आराम मिलेगा।
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बवासीर के अन्य उपाय -
- नियमित रूप से छाछ का सेवन करें आंवला और एलोवेरा के जूस का सेवन करें।
- ताजी रेशेदार सब्जियाँ खाएं, सूप पियें।
- बवासीर के लिए एक कप ताजे दूध में नींबू निचोड़कर तुरंत पी लें।अगर गाय का कच्चा दूध हो तो और भी अच्छा है।
- सुबह उठकर खाली पेट पानी पियें तेल,मसाले वाला खाना बिलकुल न खाएं।
- ताजे फल व जूस का सेवन करें।
- अंजीर , खजूर जैसे फाइबर युक्ति मेवे का सेवन करें।
बवासीर के लक्षण होने पर इन नुस्खों को जरूर अपनाएं। ये आपको जल्द ही आराम देंगे।अगर तकलीफ ठीक नहीं हो रही है तो डॉक्टर के पास जाने से न कतरायें।दोस्तों हमारी Bavasir Ka Gharelu Upay वाली पोस्ट आपको कैसी लगी कमैंट्स में जरूर बतायें, धन्यवाद।
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